भारत में डिजिटल पेमेंट का तरीका समय के साथ काफी बदल चुका है और आज के समय में यूपीआई (UPI) सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला पेमेंट सिस्टम बन गया है। रोजाना लाखों लोग ग्रॉसरी, बिजली बिल, मोबाइल रिचार्ज, स्कूल फीस आदि के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं। यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने समय-समय पर इसके नियमों में बदलाव किए हैं, ताकि इसे ज्यादा सुरक्षित और सुचारू बनाया जा सके।
2025 में यूपीआई के नियमों में एक बड़ा बदलाव आने जा रहा है, जो हर यूजर को सीधे प्रभावित करेगा। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य सिस्टम में अनावश्यक दबाव को कम करना, ट्रांजैक्शन की स्पीड और सिक्योरिटी बढ़ाना और धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकना है। अब तक कुछ लोग दिनभर बार-बार बैलेंस चेक करते रहते थे, जिससे सर्वर पर लोड बढ़ जाता था। इसी को ध्यान में रखते हुए ये बड़े बदलाव किए गए हैं।
UPI New Rule 2025: Full Details
1 अगस्त 2025 से देशभर में यूपीआई से जुड़े कई नए नियम लागू हो रहे हैं। अब जैसे ही आप किसी को यूपीआई के जरिए पेमेंट करेंगे, ट्रांजैक्शन पूरा होने पर आपके मोबाइल की स्क्रीन पर आपके बैंक खाते का बचा हुआ बैलेंस खुद ही दिख जाएगा। इसका मतलब है कि हर पैमेंट के बाद यूजर को तुरंत यह जानकारी मिल जाएगी कि खाते में कितने रुपये शेष हैं।
इस बदलाव के कारण, लोगों को बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इससे यूपीआई सर्वर पर अनावश्यक दबाव भी कम होगा। अगर कोई ग्राहक पूरे दिन में बार-बार बैलेंस जांचता है, तो आगे से उन्हें इसकी उतनी जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि हर ट्रांजैक्शन के बाद ही बैलेंस स्क्रीन पर दिखा दिया जाएगा। यह नियम सभी यूपीआई ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM आदि पर समान रूप से लागू होगा।
हर दिन के लिए लिमिट
इस नए नियम के तहत आप एक दिन में केवल 50 बार ही अपना अकाउंट बैलेंस किसी भी एक यूपीआई ऐप से चेक कर पाएंगे। अगर कोई यूजर 50 बार से अधिक कोशिश करेगा तो 24 घंटे के लिए उस ऐप में बैलेंस चेक सुविधा ब्लॉक हो जाएगी। इसी तरह, आप अपने बैंक से जुड़े सभी अकाउंट्स की सूची भी एक दिन में केवल 25 बार ही देख सकते हैं।
इसका उद्देश्य यह है कि ज्यादा बार बैलेंस देखने या अकाउंट लिस्ट चेक करने वाले यूजर्स की वजह से सिस्टम पर दबाव कम हो और सभी ट्रांजैक्शंस स्मूथ और जल्दी हो सकें। यह लिमिट हर ऐप के लिए अलग-अलग है, यानी अगर आपके फोन में दो ऐप्स हैं तो दोनों में 50-50 बार चेक कर सकते हैं।
बैलेंस चेक क्यों हुआ जरूरी हर ट्रांजैक्शन के बाद दिखाना
आमतौर पर कई लोग पेमेंट करने के बाद तुरंत ग्राहक संतुलन देखने के लिए अलग से चेक करते हैं, जिससे सर्वर पर बिना वजह दबाव बढ़ता है। NPCI ने यह व्यवस्था शुरू की है ताकि यूजर को हर UPI ट्रांजैक्शन के बाद तुरंत अपने खाते की स्थिति पता चल जाए, और सर्वर पर बार-बार बैलेंस मांगने वाला लोड हटा रहे। इससे धोखाधड़ी की घटनाएं और गलत ट्रांजैक्शन में भी रोक लगेगी, क्योंकि पेमेंट से ठीक पहले पाएं हर बार सही जानकारी।
और क्या बदलेगा?
- ऑटोपे (AutoPay) यानी Recurring Payments – जैसे ईएमआई, बिजली का बिल, ओटीटी सब्सक्रिप्शन आदि – अब केवल नॉन-पीक (कम ट्रैफिक वाले) समय में प्रोसेस होंगे, लगभग सुबह 10 बजे से पहले या रात 9:30 बजे के बाद। इससे सर्वर फेलियर और ट्रांजैक्शन में देरी जैसी शिकायतें कम होंगी
- Pending ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने की भी लिमिट तय कर दी गई है – कोई ट्रांजैक्शन पेंडिंग हो तो उसका स्टेटस सिर्फ तीन बार ही जांच सकते हैं, और हर बार कम से कम 90 सेकेंड रुकना पड़ेगा
- नए अकाउंट जोड़ने के लिए और भी सख्त वेरिफिकेशन नियम लागू किए गए हैं
- अगर किसी UPI ID का 12 महीनों से इस्तेमाल नहीं हो रहा है, तो वह अपने आप बंद हो जाएगी ताकि नंबर बदलने या दोबारा मिलने पर गलत इस्तेमाल न हो
यह नियम किसने बनाए और क्यों?
ये सभी बदलावाें को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने लागू किया है, जो भारत में यूपीआई सिस्टम चलाने वाली सरकारी संस्था है। NPCI यह सुनिश्चित करती है कि डिजिटल पेमेंट सुरक्षित, तेज और भरोसेमंद तरीके से हो सके1। 2025 में UPI के जरिए रिकॉर्ड ट्रांजैक्शन और सर्वर पर बढ़ते लोड को देखते हुए, सिस्टम को और बेहतर बनाने के मकसद से ये नए नियम लाए गए हैं।
क्या करना होगा यूजर को?
- पुराने तरीके से बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं होगी।
- अगर ज़रूरत पड़े, तो 50 बार तक ही चेक कर सकते हैं।
- हर बार पेमेंट के बाद स्क्रीन पर बैलेंस देखना न भूलें – यही अब सबसे तेज़ तरीका होगा।
- अगर किसी फेल/पेंडिंग ट्रांजैक्शन की स्थिति चेक करनी है, तो सिर्फ तीन बार ट्राई करें और बीच में 90 सेकेंड का गैप जरूर रखें।
- ऐप या बैंक की तरफ से आने वाले अलर्ट्स और नियम जरूर पढ़ते रहें ताकि किसी परेशानी से बच सकें।
निष्कर्ष
यूपीआई यूजर्स के लिए 2025 के नए नियम से पेमेंट के हर कदम पर बैंक बैलेंस की पूरी पारदर्शिता मिलेगी और सिस्टम भी ज्यादा तेज और सुरक्षित बनेगा। NPCI द्वारा लागू किया गया यह बदलाव आपके डिजिटल लेन-देन को और आसान व सुरक्षित बनाने के लिए है। अपने यूपीआई ऐप्स को अपडेट रखें और नियमों का पालन करना न भूलें।